मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने जींद के डीसी (उपायुक्त) आदित्य दहिया के ड्यूटी के प्रति समर्पण पर उनकी पीठ थपथपाई है। मनोहरलाल ने शुक्रवार रात को नरवाना के रेस्ट हाउस में जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा उन्हें ठहरने की मंजूरी नहीं देने का पूरा घटनाक्रम सोशल मीडिया पर साझा किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि समाज में हर कोई समान हैएक मुख्यमंत्री भी कभी आमजन से बड़ा नहीं होता। जनता ही है जिसके स्नेह व आशीर्वाद से उसे यह सौभाग्य मिलता है।मुख्यमंत्री मनोहर लाल के मुताबिक यह प्रकरण बताता है कि मौजूदा सरकार में किस तरह पारदर्शिता और ईमानदारी से काम हो रहा है। उन्होंने कहा कि पहले की सरकारों में जहां सभी कायदे-कानून ताक पर रहते थे, वहीं हमने अफसरों को नियमों का पालन सनिश्चित करने की हिदायत दे रखी है। जिस तरह डीसी ने हाईकोर्ट के आदेश के बाद ही उन्हें रेस्ट हाउस में रात्रि निवास की इजाजत दी, वह स्वच्छ प्रशासन, सुशासन और पारदर्शिता की जीवंत मिसाल है। गौरतलब है कि सिरसा जिले में चुनाव प्रचार के बाद मुख्यमंत्री मनोहर लाल को चंडीगढ़ वापस पहुंचना था, लेकिन शाम को अचानक मौसम खराब होने के कारण हेलीकॉप्टर उड़ान नहीं भर पाया। बाद में सड़क मार्ग से - लौट रहे मुख्यमंत्री ने खराब मौसम और रात होने का हवाला देते हुए जींद के जिला उपायुक्त और जिला निर्वाचन अधिकारी से सरकारी गेस्ट हाउस में ठहरने की अनुमति मांगी।ड्यूटी के प्रति गंभीरता दखिाते हुए डॉ. आदित्य दहिया ने चुनाव आचार संहिता का हवाला देते हुए मुख्यमंत्री को गेस्ट हाउस में ठहरने की अनुमति देने से इनकार कर दिया। इसके बाद एडवोकेट जनरल बलदेव महाजन की ओर से हाईकोर्ट में याचिका लगाई गई। हाईकोर्ट ने रात साढ़े दस बजे आधा घंटे की सुनवाई के बाद सीएम को नरवाना के गेस्ट हाउस में ठहरने की इजाजत दे दी। समाज में हर कोई समान है। एक मुख्यमंत्री भी कभी जनता से बड़ा नहीं होता क्योंकि जनता ही है जिसके स्नेह व आशीर्वाद से उसे यह सौभाग्य प्राप्त होता है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल के सवाल,चंडीगढ़ में मतदान के दिन कहां रह पर चुनाव आयोग ने अभी तक कोई जवाब नहीं दिया है। अगर नियमों के हिसाब से चलें तो न केवल मुख्यमंत्री मनोहर लाल, बल्कि उनकी कैबिनेट के साथ ही पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह व उनके मंत्रिमंडल सहयोगियों को भी 19 मई को होने वाले मतदान से 48 घंटे पहले यानि 17 मई को अपना आधिकारिक आवास छोड़ना होगा। आचार संहिता के पैरा 8.2.1 के अनुसार सरकारी सुरक्षा प्राप्त किसी भी नेता, विधायक, सांसद या मंत्री को मतदान से 48 घंटे पहले उस क्षेत्र को छोड़ना पड़ेगाजहां वे पंजीकत मतदाता नहीं हैं। मुख्यमंत्री द्वारा सवाल उठाने के बाद हरियाणा के निर्वाचन विभाग ने इस विषय पर चनाव आयोग से मार्गदर्शन मांगा हआ है। वर्ष 2011 बेच के आइएएस अधिकारी डॉ. आदित्य दहिया मुख्यमंत्री मनोहर लाल के चहेते अफसरों में शुमार हैं। फरवरी में जींद के डीसी लगाए जाने से पहले दहिया ने करनाल के डीसी और नगर निगम के आयक्त के रूप में सीएम सिटी को देश के सौ स्वच्छ शहरों में शामिल कराने में अहम भमिका निभाई। फरीदाबाद में निगम आयक्त रहते भी दहिया ने इस शहर को स्वच्छ सर्वेक्षण में विशेष पहचान दिलवाई। डॉ दहिया एम्स में भी डाक्टर के रूप में अपनी सेवाएं दे चुके हैं।